प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक पेंशन योजना है, जिसका उद्देश्य उन्हें वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
मुख्य विशेषताएँ:
न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन: 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर प्रति माह ₹3,000 की पेंशन।
पारिवारिक पेंशन: पेंशन प्राप्ति के दौरान लाभार्थी की मृत्यु होने पर, उसके जीवनसाथी को पेंशन राशि का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
क्या है योजना?
- असंगठित कामगार (यूडब्ल्यू) ज़्यादातर घर से काम करने वाले, रेहड़ी-पटरी वाले, मिड-डे मील कामगार, सिर पर बोझा ढोने वाले, ईंट भट्ठा कामगार, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मज़दूर, खुद का खाता रखने वाले, कृषि कामगार, निर्माण कामगार, बीड़ी कामगार, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार, ऑडियो-विजुअल कामगार या इसी तरह के दूसरे कामों में लगे हुए हैं। देश में ऐसे असंगठित कामगारों की संख्या लगभग 42 करोड़ है।
- यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है जिसके तहत लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह 3000 रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन मिलेगी और यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो लाभार्थी के पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में पेंशन का 50% प्राप्त करने का अधिकार होगा। पारिवारिक पेंशन केवल पति या पत्नी को ही लागू होती है।
- योजना की परिपक्वता पर, व्यक्ति को 3000/- रुपये की मासिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार होगा। पेंशन राशि पेंशन धारकों को उनकी वित्तीय सहायता करने में मदद करती है
- 18 से 40 वर्ष की आयु के आवेदकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त होने तक हर महीने 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक का अंशदान करना होगा। आवेदक की आयु 60 वर्ष हो जाने पर वह पेंशन राशि का दावा कर सकता है। हर महीने एक निश्चित पेंशन राशि पेंशन खाते में जमा की जाती है।
पात्रता:
आयु: 18 से 40 वर्ष के बीच।
मासिक आय: ₹15,000 या उससे कम।
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत होना चाहिए।
अंशदान (योगदान):
लाभार्थी की आयु के अनुसार मासिक अंशदान निर्धारित है, जो ₹55 से ₹200 तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, 18 वर्ष की आयु में प्रवेश करने वाले को ₹55 प्रति माह का अंशदान करना होगा, जबकि 40 वर्ष की आयु में प्रवेश करने वाले को ₹200 प्रति माह का अंशदान करना होगा। सरकार लाभार्थी के अंशदान के बराबर राशि का योगदान करेगी।
आवश्यक दस्तावेज:
- ई-श्रम कार्ड
- आधार कार्ड
- आईएफएससी के साथ बचत बैंक खाता/जन धन खाता संख्या
पंजीकरण प्रक्रिया:
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना पड़ेगा जिसे आप स्वयं या नज़दीकी केंद्र जाकर भर सकते है अगर आप आप द्वारा फॉर्म भरना चाहते है तो –
STEP 1 : नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
STEP 2 : आधार कार्ड, बचत बैंक खाता पासबुक (IFSC कोड सहित) और वैध मोबाइल नंबर साथ ले जाएं।
STEP 3 : CSC पर आवश्यक फॉर्म भरें और पहला अंशदान नकद में जमा करें।
पंजीकरण के बाद, आपको एक पेंशन कार्ड और पेंशन संख्या प्राप्त होगी।
महत्वपूर्ण जानकारी:
- पेंशन प्राप्ति के दौरान लाभार्थी की मृत्यु होने पर, उसके जीवनसाथी को पेंशन राशि का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
- यदि लाभार्थी 60 वर्ष की आयु से पहले योजना से बाहर निकलता है, तो उसके अंशदान के साथ-साथ अर्जित ब्याज वापस किया जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) :-
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना क्या है?
यह भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए शुरू की गई एक पेंशन योजना है, जिसमें 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3,000 प्रति माह की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन मिलती है।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच हो और मासिक आय ₹15,000 से कम हो। आवेदक आयकर दाता या EPFO, ESIC, NPS का सदस्य नहीं होना चाहिए।
इस योजना में पेंशन कैसे प्राप्त होगी?
लाभार्थी के 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद हर माह ₹3,000 की पेंशन दी जाएगी।
पारिवारिक पेंशन का प्रावधान क्या है?
लाभार्थी की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को पेंशन का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
इस योजना में अंशदान (योगदान) कितना है?
अंशदान की राशि उम्र के अनुसार तय होती है, जो ₹55 से ₹200 के बीच होती है। जितना योगदान लाभार्थी करता है, उतना ही योगदान सरकार भी करती है।
पंजीकरण कहां और कैसे किया जा सकता है?
पंजीकरण के लिए नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक और मोबाइल नंबर के साथ आवेदन करें।
योजना से बाहर निकलने की स्थिति में क्या होगा?
यदि लाभार्थी 60 वर्ष की आयु से पहले योजना से बाहर निकलना चाहता है, तो उसे उसके अंशदान का कुल राशि और उस पर अर्जित ब्याज वापस किया जाएगा।
अगर लाभार्थी बीच में पेंशन बंद कर देता है तो क्या होगा?
ऐसी स्थिति में उसके द्वारा किए गए अंशदान और ब्याज के अनुसार धनराशि लौटाई जाएगी।
यदि किसी माह में अंशदान नहीं किया जाता है तो क्या होगा?
यदि लाभार्थी किसी माह में अंशदान नहीं कर पाता है, तो उसे अगले माह में अंशदान कर योजना को जारी रख सकता है।
पेंशन प्राप्ति के दौरान मृत्यु होने पर क्या होगा?
यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके जीवनसाथी को 50% पारिवारिक पेंशन मिलती रहेगी।
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