पालनहार योजना राजस्थान सरकार द्वारा अनाथ, निराश्रित, या विशेष परिस्थितियों में जीवनयापन कर रहे बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के अनाथ बच्चो को या जिनके माता पिता मर गए है उन अनाथ बच्चो के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाएगी बल्कि समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी ।
आगे इस आर्टिकल में हम जानेंगे की इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है व इसमें मिलने वाला फायदे क्या है और कैसे आवेदन करना है।
योजना के लाभार्थी :
इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित श्रेणियों के बच्चे लाभ प्राप्त कर सकते हैं:-
- अनाथ बच्चे: जिनके माता-पिता का निधन हो चुका है।
- मृत्युदंड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान।
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संतान।
- पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान।
- एचआईवी/एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान।
- कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता की संतान।
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संतान।
- विशेष योग्यजन माता-पिता की संतान।
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान।
आर्थिक सहायता :
0 से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए | ₹500 प्रति माह |
6 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए | ₹1,000 प्रति माह |
अतिरिक्त वार्षिक अनुदान: वस्त्र, जूते, स्वेटर आदि के लिए | ₹2,000 प्रति वर्ष |
पात्रता शर्तें :
- पालनहार परिवार की वार्षिक आय ₹1.20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- बच्चे का आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण (2 वर्ष की आयु में) और विद्यालय में प्रवेश (6 वर्ष की आयु में) अनिवार्य है।
आवश्यक दस्तावेज़ :
- बच्चे का आधार कार्ड।
- पालनहार का भामाशाह कार्ड।
- आय प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
- मूल निवास प्रमाण पत्र।
- बच्चे का आंगनबाड़ी/विद्यालय में पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- श्रेणी विशेष दस्तावेज़ (जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, दंडादेश की प्रति आदि)।
आवेदन प्रक्रिया :
- आवेदन करने के लिए आपको अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर संपर्क करना होगा। इस योजना के लिए ऑनलाइन फॉर्म केवल ई-मित्र केंद्र पर ही भरे जायेंगे।
- आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र भरकर जमा करें।
अधिक जानकारी के लिए: अधिक जानकारी और आवेदन की स्थिति जानने के लिए राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
आधिकारिक वेबसाइट | क्लिक करे |
दस्तावेजों की सूची | डाउनलोड करे |
उपयोगकर्ता पुस्तिका (ई-मित्र केंद्र) | डाउनलोड करे |
पालनहार योजना के बारे में सामान्य प्रश्न (FAQ) :
पालनहार योजना क्या है?
पालनहार योजना राजस्थान सरकार की एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसके तहत अनाथ, निराश्रित, या विशेष परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य बच्चों को पारिवारिक माहौल में पोषण और शिक्षा प्रदान करना है।
योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
योजना का उद्देश्य बच्चों को संस्थागत देखभाल के बजाय परिवार में रहने की सुविधा देना है ताकि वे बेहतर मानसिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास कर सकें।
योजना के तहत कौन पात्र हैं?
योजना का लाभ निम्नलिखित बच्चों को मिलता है:
अनाथ बच्चे।
आजीवन कारावास या मृत्युदंड प्राप्त माता-पिता की संतान।
निराश्रित पेंशन प्राप्त विधवा की अधिकतम तीन संतान।
पुनर्विवाह करने वाली विधवा की संतान।
एचआईवी/एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान।
कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता की संतान।
नाता प्रथा में गई महिला की संतान।
तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला की संतान।
विशेष योग्यजन माता-पिता की संतान।
योजना के लिए आवेदन कहां और कैसे करें?
आवेदन प्रक्रिया ई-मित्र केंद्र के माध्यम से पूरी की जा सकती है।
आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र जमा करें।
क्या बच्चे को स्कूल जाना जरूरी है?
हां, 6 वर्ष की आयु से बच्चे का विद्यालय में प्रवेश अनिवार्य है। 2 वर्ष की आयु तक बच्चे का आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण आवश्यक है।
आवेदन की स्थिति कैसे जांचें?
आप आवेदन की स्थिति राजस्थान सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।
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